और कोई बंधन न हो, पर दिल का बंधन तोड़ो ना,
जो है मेरे पास, है तेरा, इससे तुम मुख मोड़ो ना ।
बोलो चाहे न कुछ बोलो, मन को अपनी कहने दो,
दुनिया में रहना है मुश्किल, सपनों में तो रहने दो ।
मन में जो भी बात है तेरे, आ जाये इस चेहरे पे,
मुँह पर दिल की बात न लाने की जिद अब छोड़ो न ।
चाहे प्यार हो, चाहे नफरत, कोई रिश्ता तो है अपना,
अनकहा बना है जो भी रिश्ता, उसको अब तुम तोड़ो ना ।
Tuesday, November 27, 2007
Subscribe to:
Post Comments (Atom)

No comments:
Post a Comment