तुम्हे मन की बात बतानी है,
कभी अकेले मिला करो ।
हमसे उम्मीद तुम्हारी है,
कभी तो कोई गिला करो ।
हम बात-बात में बात कहें,
जब औरों के तू साथ रहे,
तब नज़र चुराती हो हमसे,
इसलिये अकेले मिला करो ।
हमें पता है, पता तुम्हे सब है,
हम तुमसे क्या कहना चाहें,
तेरे दिल में भी बात वही,
कहने को अकेले मिला करो ।
Thursday, November 29, 2007
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